नई शिक्षा नीति के मुख्य बिंदु
नई शिक्षा नीति में बदलाव
नई शिक्षा नीति की महत्वपूर्ण बाते
👇नई शिक्षा नीति के बारे में हम आपको जो भी बताने जा रहे है वो सरकारी आदेश में से कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट आपको बता रहे है कृपया ध्यान से पढ़े |
भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) को हरी झंडी दे दी है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है
नई शिक्षा नीति की महत्वपुर्ण बातें इस प्रकार हैं
सुरु के 5 साल की पढाई - कक्षा बच्चे की उम्र
3 साल की पढाई -
3 साल की पढाई -
1. नई शिक्षा नीति में सकल घरेलू उत्पाद का खर्च 4.43% से 6% कर दिया गया हैं।
8. 2018 में उच्च शिक्षा का अनुपात 26.3% था जिसको 2030 तक बढ़ाकर 50% करना है ।
9. नई शिक्षा नीति के अनुसार अब यह पहले 3 साल की डिग्री थी यदि आप 3 साल पढ़ाई करते थे तभी डिग्री मिलती थी लेकिन अब 1 साल भी अगर आप पढ़ाई करते हो तो आपको उसका सर्टिफिकेट दिया जाएगा जिससे आपकी पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा और आपको बाद में आगे बढ़ना है तो आप आगे भी पढ़ सकते हैं।
10. अगर किसी छात्र को किसी कारणवश कोर्स छोड़ना पड़ा तो वह उसे एक समय के बाद छोड़कर दूसरा कोर्स भी कर सकता है इसके बाद वह पहले का कोर्स भी स्टार्ट कर सकता है यह सुविधा नई शिक्षा नीति में दी गई है जिससे उसका नुकसान ना हो।
11. अभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस ओर डीम्ड यूनविर्सिटी के लिये अलग नियम हैं. नई एजुकेशन पॉलिसी मे सभी यूनिवर्सिटी के लिए एक जैसे नियम होंगे ।
12. देश में शोध अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए और और टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ने के लिए NRF की स्थापना की जाएगी यह एक सरकारी फाउंडेशन होगा जिससे शोध की संस्कृति को बढ़ावा देना होगा ।
1) SSRA (State School Regulatory Authority) बनेगी जिसके चीफ शिक्षा विभाग से जुड़े होंगे।
2) 4 ईयर इंटेग्रेटेड बीएड, 2 ईयर बीएड or 1 ईयर B Ed course चलेंगें।
3) ECCE (Early Childhood Care and Education) के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से !
4) TET लागू होगा up to सेकंडरी लेवल।
5) शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी, BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे, MDM se भी शिक्षक हटेंगे।
6) स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ SCMC यानी स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी।
7) शिक्षक नियुक्ति में डेमो/स्किल टेस्ट और इंटरव्यू भी शामिल होंगे।
8) नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे।
9) ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे, केंद्रीय विद्यलयों की तर्ज पर।
10) RTE को कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु तक लागू किया जाएगा!
11) मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में दिया जाएगा।
12) Three language based स्कूली शिक्षा होगी।
13) Foreign language course भी स्कूलों में शुरू होंगे।
14) विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में science or math विषय अनिवार्य होंगे।
15) स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी।
16) NCERT पूरे देश में नोडल एजेंसी होगी!
17) स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग समाप्त हो जाएगा !
18) क्रेडिट बेस्ड सिस्टम होगा जिससे कॉलेज बदलना आसान और सरल होगा बीच मे कोई भी कॉलिज बदला जा सकता है।
19) नई शिक्षा नीति में सिर्फ बीएड इण्टर के बाद 4 वर्षीय बीएड, स्नातक के बाद 2 वर्ष बीएड, परास्नातक के बाद 1 वर्ष का बीएड कोर्स होगा।
1- सवाल: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बताए गए सुधार व बदलाव कैसे लागू होंगे?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति मैं अभी शिक्षा सुधारों के सुझाव को मंजूरी मिली है इन सुझाव का क्रियान्वयन होना अभी चालू है नई शिक्षा नीति के सभी सुझाव सही मानते हैं नई शिक्षा नीति में शिक्षा में सुधार सुझाव राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सुझाव से मिलकर लागू किए जाएंगे
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1. Nursery 4 Years
2 Jr KG 5 Years
3. Sr KG 6 Years
4. 1st class 7 Years
2 Jr KG 5 Years
3. Sr KG 6 Years
4. 1st class 7 Years
5. 2nd class 8 Years
3 साल की पढाई -
कक्षा बच्चे की उम्र
6. 3rd class 9 Years
7. 4th class 10 Years
8. 5th class 11 Years
3 साल की पढाई -
कक्षा बच्चे की उम्र
9. 6th class 12 Years
10 7th class 13 Years
11. 8th class 14 Years
4 साल की पढाई -
9. 6th class 12 Years
10 7th class 13 Years
11. 8th class 14 Years
4 साल की पढाई -
कक्षा बच्चे की उम्र
12. 9thclass 15 Years
13. SSC class (10th) 16 Years
14. FYJC class (11th) 17Years
15. SYJC class (12th) 18 Years
➢ केवल 12वीं क्लास में होगा बोर्ड। कॉलेज की डिग्री 4 साल की। 10वीं बोर्ड खत्म। MPhil भी होगा बंद।
➢ अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा. बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।
➢ अब सिर्फ 12वींं में बोर्ड की परीक्षा देनी होगी. जबकि इससे पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा।
➢ 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा (ऊपर का टेबल देखें)।
➢ कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।
➢ 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे।
➢ अब स्टूडेंट्स को MPhil नहीं करना होगा. बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.
➢ स्टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स. हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है.
➢ हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे. एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं.
➢ सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए होंगे समान नियम।
12. 9thclass 15 Years
13. SSC class (10th) 16 Years
14. FYJC class (11th) 17Years
15. SYJC class (12th) 18 Years
👇खास बातें :👇
➢ केवल 12वीं क्लास में होगा बोर्ड। कॉलेज की डिग्री 4 साल की। 10वीं बोर्ड खत्म। MPhil भी होगा बंद।
➢ अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा. बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।
➢ अब सिर्फ 12वींं में बोर्ड की परीक्षा देनी होगी. जबकि इससे पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा।
➢ 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा (ऊपर का टेबल देखें)।
➢ कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।
➢ 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे।
➢ अब स्टूडेंट्स को MPhil नहीं करना होगा. बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.
➢ स्टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स. हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है.
➢ हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे. एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं.
➢ सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए होंगे समान नियम।
👇नई शिक्षा नीति-2020: प्रमुख पॉइंट्स एक नजर में👇
1. नई शिक्षा नीति में सकल घरेलू उत्पाद का खर्च 4.43% से 6% कर दिया गया हैं।
2. अब पांचवी कक्षा तक मातृ भाषा पर
ज्यादा ध्यान दिया जायेंगा ।
3. मानव संसाधन मंत्रालय अभी तक शिक्षा मंडल का कार्यभार संभालते थे। पर अब उसका नाम बदलकर मानव संसाधन की जगह शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।
4. उच्च शिक्षा में बदलाव किया जाएगा जिसमें मेडिकल एजुकेशन और लोअर एजुकेशन को छोड़कर एक नया उच्च शिक्षा आयोग बनाया जाएगा जो एक सिंगल रेगुलेटर रहेगा इसमें 3.5 करोड़ सीटें बढ़ाई जाएगी।
5. नई शिक्षा नीति के अनुसार छठी क्लास से बच्चों को वोकेशनल कोर्स कराए जाएंगे जिसमें छठी कक्षा के बाद से इंटर्नशिप भी कराया जाएंगे।
6. इस नीति में आर्ट और म्यूजिक कला को सबसे ज्यादा बढ़ावा भी दिया जाएगा ।
7. देश में राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फोरम का गठन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत ई -पाठ्यक्रम के लिए वर्चुअल लैब बनाए जाएंगे।
4. उच्च शिक्षा में बदलाव किया जाएगा जिसमें मेडिकल एजुकेशन और लोअर एजुकेशन को छोड़कर एक नया उच्च शिक्षा आयोग बनाया जाएगा जो एक सिंगल रेगुलेटर रहेगा इसमें 3.5 करोड़ सीटें बढ़ाई जाएगी।
5. नई शिक्षा नीति के अनुसार छठी क्लास से बच्चों को वोकेशनल कोर्स कराए जाएंगे जिसमें छठी कक्षा के बाद से इंटर्नशिप भी कराया जाएंगे।
6. इस नीति में आर्ट और म्यूजिक कला को सबसे ज्यादा बढ़ावा भी दिया जाएगा ।
7. देश में राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फोरम का गठन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत ई -पाठ्यक्रम के लिए वर्चुअल लैब बनाए जाएंगे।
8. 2018 में उच्च शिक्षा का अनुपात 26.3% था जिसको 2030 तक बढ़ाकर 50% करना है ।
9. नई शिक्षा नीति के अनुसार अब यह पहले 3 साल की डिग्री थी यदि आप 3 साल पढ़ाई करते थे तभी डिग्री मिलती थी लेकिन अब 1 साल भी अगर आप पढ़ाई करते हो तो आपको उसका सर्टिफिकेट दिया जाएगा जिससे आपकी पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा और आपको बाद में आगे बढ़ना है तो आप आगे भी पढ़ सकते हैं।
10. अगर किसी छात्र को किसी कारणवश कोर्स छोड़ना पड़ा तो वह उसे एक समय के बाद छोड़कर दूसरा कोर्स भी कर सकता है इसके बाद वह पहले का कोर्स भी स्टार्ट कर सकता है यह सुविधा नई शिक्षा नीति में दी गई है जिससे उसका नुकसान ना हो।
11. अभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस ओर डीम्ड यूनविर्सिटी के लिये अलग नियम हैं. नई एजुकेशन पॉलिसी मे सभी यूनिवर्सिटी के लिए एक जैसे नियम होंगे ।
12. देश में शोध अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए और और टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ने के लिए NRF की स्थापना की जाएगी यह एक सरकारी फाउंडेशन होगा जिससे शोध की संस्कृति को बढ़ावा देना होगा ।
👉 नई शिक्षा नीति की पूरी जानकारी PDF फाइल में पढ़ने के लिए डाऊनलोड पर क्लिक करे
👇नई_शिक्षा_नीति_को_समझिए👇
1) SSRA (State School Regulatory Authority) बनेगी जिसके चीफ शिक्षा विभाग से जुड़े होंगे।
2) 4 ईयर इंटेग्रेटेड बीएड, 2 ईयर बीएड or 1 ईयर B Ed course चलेंगें।
3) ECCE (Early Childhood Care and Education) के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से !
4) TET लागू होगा up to सेकंडरी लेवल।
5) शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी, BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे, MDM se भी शिक्षक हटेंगे।
6) स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ SCMC यानी स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी।
7) शिक्षक नियुक्ति में डेमो/स्किल टेस्ट और इंटरव्यू भी शामिल होंगे।
8) नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे।
9) ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे, केंद्रीय विद्यलयों की तर्ज पर।
10) RTE को कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु तक लागू किया जाएगा!
11) मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में दिया जाएगा।
12) Three language based स्कूली शिक्षा होगी।
13) Foreign language course भी स्कूलों में शुरू होंगे।
14) विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में science or math विषय अनिवार्य होंगे।
15) स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी।
16) NCERT पूरे देश में नोडल एजेंसी होगी!
17) स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग समाप्त हो जाएगा !
18) क्रेडिट बेस्ड सिस्टम होगा जिससे कॉलेज बदलना आसान और सरल होगा बीच मे कोई भी कॉलिज बदला जा सकता है।
19) नई शिक्षा नीति में सिर्फ बीएड इण्टर के बाद 4 वर्षीय बीएड, स्नातक के बाद 2 वर्ष बीएड, परास्नातक के बाद 1 वर्ष का बीएड कोर्स होगा।
नई शिक्षा नीति 2020 / FULL DETAIL
1- सवाल: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बताए गए सुधार व बदलाव कैसे लागू होंगे?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति मैं अभी शिक्षा सुधारों के सुझाव को मंजूरी मिली है इन सुझाव का क्रियान्वयन होना अभी चालू है नई शिक्षा नीति के सभी सुझाव सही मानते हैं नई शिक्षा नीति में शिक्षा में सुधार सुझाव राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सुझाव से मिलकर लागू किए जाएंगे
2- सवाल: नई शिक्षा नीति कब लागू होगी?
नई शिक्षा नीति अभी इतने जल्दी लागू नहीं होगी यह धीरे-धीरे लागू की जाएगी क्योंकि सरकार ने खुद इसे 2040 तक लागू करने का टारगेट रखा है हालांकि इसमें से कुछ नीतियां एक-दो सालों में लागू हो जाएगी 2040 का टारगेट इसलिए रखा है क्योंकि किसी भी सामाजिक और आर्थिक संबंध रखने वाले विद्यार्थियों को सर्वोच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो
3- क्या बोर्ड की परीक्षाएं होंगी या नहीं?
नई शिक्षा नीति में 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में पूरी तरह परिवर्तन कर दिया गया है इसमें बोर्ड की परीक्षाएं होगी परंतु बोर्ड का महत्व कम कर दिया गया है साल में दो बार परीक्षाएं होगी सेमेस्टर की तरह लेकिन इससे विद्यार्थियों पर पढ़ने वाला दबाव कम हो जाएगा इस नीति से बच्चों को बोर्ड परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग की आवश्यकता भी नहीं होगी
नई शिक्षा नीति में बदलाव से एक फायदा और है कि छात्रों को रखने की आदत कम हो जाएगी क्योंकि इसमें ज्यादातर प्रैक्टिकल मॉडल ही होंगे दरअसल, 10+2 की जगह नई शिक्षा नीति में 5+3+3+4 की बात की गई है।
4- .सवाल: जो बच्चे अभी नर्सरी में हैं, उनको क्या करना है?
जिन छोटे बच्चों ने अभी स्कूलों में एडमिशन लिया है जो बच्चे अभी नर्सरी में है उनके अभिभावक बहुत परेशान हो रहे हैं क्योंकि उन्हें नई शिक्षा नीति अभी समझ नहीं आई है नई शिक्षा नीति 5 +3+3+4 फार्मूला समझने में परेशानी हो रही है परंतु अभी यह नीति लागू नहीं होगी पहले की तरह ही स्कूल में क्लास चलेगी
अगर बच्चा नई शिक्षा नीति से पढ़ रहा है तो वह 6 साल की उम्र में पहली क्लास में चला जाएगा
5- सवाल: जो अगले साल कॉलेज जाएंगे उनके लिए क्या?
नई शिक्षा लागू हो जाने से कॉलेज वाले सभी विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं कि हम 12वीं पास होने के बाद कौन सी शिक्षा नीति से पढ़ाई करेंगे अभी तो ऐसा ही है कि दो-तीन साल तक तो पुरानी शिक्षा नीति से ही पढ़ाई होगी यदि नई शिक्षा नीति लागू की जाती है तो कॉलेजों में तो आप को 4 साल का कॉलेज करना होगा अगर आप इस कोर्स को बीच में छोड़ देते हैं तो भी आपको इसका सर्टिफिकेट जरूर मिलेगा
6- सवाल: उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति में क्या अहम बदलाव हुए हैं? विस्तार से बताएं।
उत्तर: नई शिक्षा नीति में छात्र स्नातक में चार साल का पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। इसमें भी विकल्प दिया गया है। जो विद्यार्थी ग्रेजुएशन के बाद नौकरी करना चाहते हैं एवं हायर एजुकेशन में नहीं जाना चाहते, उनके लिए तीन साल की डिग्री रखी गई है। वहीं, शोध में जाने वाले विद्यार्थियों के लिए चार साल की डिग्री रखी गई है।
चार साल की डिग्री करने वाले विद्यार्थी एक साल में स्नातकोत्तर कर पाएंगे। अगर कोई छात्र इंजीनियरिंग कोर्स को दो साल में ही छोड़ देता है, तो उसे डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। पांच साल का संयुक्त ग्रेजुएट-मास्टर कोर्स लाया जाएगा। अगर चार साल के डिग्री कोर्स में कोई विद्यार्थी पहले साल में ही कॉलेज छोड़ देता है, तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा। जबकि दूसरे साल के बाद एडवांस सर्टिफिकेट और तीसरे साल के बाद छोड़ने पर डिग्री मिलेगी। अगर विद्यार्थी पूरे चार साल पढ़ेगा तो चार साल बाद की डिग्री उसे शोध के साथ मिलेगी। इसी तरह से पोस्ट ग्रेजुएट में तीन तरह के विकल्प होंगे। जिन्होंने तीन साल का डिग्री कोर्स किया है उनके लिए दो साल का मास्टर्स होगा। दूसरा- चार साल के डिग्री कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक साल का एमए होगा। तीसरा- पांच साल का इंटिग्रेडेट प्रोग्राम होगा जिसमें स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों एक साथ हो जाए।
7- सवाल: नई शिक्षा नीति में एमफिल और पीएचडी के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर- नई शिक्षा नीति में एमफिल को खत्म कर दिया गया है।अब पीएचडी के लिए चार साल की डिग्री शोध के साथ अनिवार्य होगी।
8- सवाल: 5+3+3+4 फॉर्मेंट क्या है?
उत्तर: नई शिक्षा नीति में 10+2 की जगह सरकार 5+3+3+4 का फॉर्मूला लाई है। इसमें 5 का अर्थ है कि तीन साल प्री-स्कूल के और उसके बाद के दो साल पहली और दूसरी कक्षा के। 3 का अर्थ है- तीसरी, चौथी और पांचवी कक्षा। इसके बाद के 3 का अर्थ है- छठी, सांतवीं और आठवीं कक्षा। आखिर वाले 4 का अर्थ है- नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा।
यानी बच्चे अब तीन साल की उम्र में फॉर्मल स्कूल में जाने लगेंगे। छह साल की उम्र में बच्चा पहले की तरह की पहली कक्षा में होगा। दरअसल, नई व्यवस्था में प्ले-स्कूल के शुरुआती साल भी स्कूली शिक्षा में जोड़े गए हैं।
9- सवाल: यूजीसी को खत्म कर रेगुलेटरी बॉडी क्या है?
उत्तर: नई शिक्षा नीति में यूजीसी, एनसीटीई और एआईसीटीई को खत्म करके एक रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाएगी। हालांकि, अभी यह नहीं बताया गया है कि इस नियामक बॉडी का स्वरूप कैसा होगा। कॉलेजों को स्वायत्ता (ग्रेडेड ओटोनॉमी) देकर 15 साल में विश्वविद्यालयों से संबद्धता की प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम होगा। यह संस्थान के लिए अनिवार्य नहीं होगा। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी यह परीक्षा कराएगी।
10 - नई शिक्षा नीति में और क्या महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं?
उत्तर- नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा में दस-दस बड़े सुधारों पर मुहर लगाई गई है। प्री-प्राइमरी शिक्षा के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार होगा। इसके तहत तीन से छह साल तक की आयु के बच्चे आएंगे। 2025 तक कक्षा तीन तक के छात्रों को मूलभूत साक्षरता तथा अंकज्ञान सुनिश्चित किया जाएगा। मिडिल कक्षाओं की पढ़ाई पूरी तरह बदल जाएगी। कक्षा छह से आठ के बीच विषयों की पढ़ाई होगी। फीस पर नियंत्रण के लिए तंत्र तैयार होगा।केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और प्राइवेट विश्वविद्यालय के लिए एक ही नियम होगा।
नई शिक्षा नीति में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है।हर जिले में कला, करियर और खेल-संबंधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए एक विशेष बोर्डिंग स्कूल के रूप में 'बाल भवन' स्थापित किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। विद्यार्थियों को स्कूल के सभी स्तरों और उच्च शिक्षा में संस्कृत को एक विकल्प के रूप में चुनने का अवसर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति में विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति मिलेगी।
नई शिक्षा नीति अभी इतने जल्दी लागू नहीं होगी यह धीरे-धीरे लागू की जाएगी क्योंकि सरकार ने खुद इसे 2040 तक लागू करने का टारगेट रखा है हालांकि इसमें से कुछ नीतियां एक-दो सालों में लागू हो जाएगी 2040 का टारगेट इसलिए रखा है क्योंकि किसी भी सामाजिक और आर्थिक संबंध रखने वाले विद्यार्थियों को सर्वोच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो
3- क्या बोर्ड की परीक्षाएं होंगी या नहीं?
नई शिक्षा नीति में 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में पूरी तरह परिवर्तन कर दिया गया है इसमें बोर्ड की परीक्षाएं होगी परंतु बोर्ड का महत्व कम कर दिया गया है साल में दो बार परीक्षाएं होगी सेमेस्टर की तरह लेकिन इससे विद्यार्थियों पर पढ़ने वाला दबाव कम हो जाएगा इस नीति से बच्चों को बोर्ड परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग की आवश्यकता भी नहीं होगी
नई शिक्षा नीति में बदलाव से एक फायदा और है कि छात्रों को रखने की आदत कम हो जाएगी क्योंकि इसमें ज्यादातर प्रैक्टिकल मॉडल ही होंगे दरअसल, 10+2 की जगह नई शिक्षा नीति में 5+3+3+4 की बात की गई है।
4- .सवाल: जो बच्चे अभी नर्सरी में हैं, उनको क्या करना है?
जिन छोटे बच्चों ने अभी स्कूलों में एडमिशन लिया है जो बच्चे अभी नर्सरी में है उनके अभिभावक बहुत परेशान हो रहे हैं क्योंकि उन्हें नई शिक्षा नीति अभी समझ नहीं आई है नई शिक्षा नीति 5 +3+3+4 फार्मूला समझने में परेशानी हो रही है परंतु अभी यह नीति लागू नहीं होगी पहले की तरह ही स्कूल में क्लास चलेगी
अगर बच्चा नई शिक्षा नीति से पढ़ रहा है तो वह 6 साल की उम्र में पहली क्लास में चला जाएगा
5- सवाल: जो अगले साल कॉलेज जाएंगे उनके लिए क्या?
नई शिक्षा लागू हो जाने से कॉलेज वाले सभी विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं कि हम 12वीं पास होने के बाद कौन सी शिक्षा नीति से पढ़ाई करेंगे अभी तो ऐसा ही है कि दो-तीन साल तक तो पुरानी शिक्षा नीति से ही पढ़ाई होगी यदि नई शिक्षा नीति लागू की जाती है तो कॉलेजों में तो आप को 4 साल का कॉलेज करना होगा अगर आप इस कोर्स को बीच में छोड़ देते हैं तो भी आपको इसका सर्टिफिकेट जरूर मिलेगा
6- सवाल: उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति में क्या अहम बदलाव हुए हैं? विस्तार से बताएं।
उत्तर: नई शिक्षा नीति में छात्र स्नातक में चार साल का पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। इसमें भी विकल्प दिया गया है। जो विद्यार्थी ग्रेजुएशन के बाद नौकरी करना चाहते हैं एवं हायर एजुकेशन में नहीं जाना चाहते, उनके लिए तीन साल की डिग्री रखी गई है। वहीं, शोध में जाने वाले विद्यार्थियों के लिए चार साल की डिग्री रखी गई है।
चार साल की डिग्री करने वाले विद्यार्थी एक साल में स्नातकोत्तर कर पाएंगे। अगर कोई छात्र इंजीनियरिंग कोर्स को दो साल में ही छोड़ देता है, तो उसे डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। पांच साल का संयुक्त ग्रेजुएट-मास्टर कोर्स लाया जाएगा। अगर चार साल के डिग्री कोर्स में कोई विद्यार्थी पहले साल में ही कॉलेज छोड़ देता है, तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा। जबकि दूसरे साल के बाद एडवांस सर्टिफिकेट और तीसरे साल के बाद छोड़ने पर डिग्री मिलेगी। अगर विद्यार्थी पूरे चार साल पढ़ेगा तो चार साल बाद की डिग्री उसे शोध के साथ मिलेगी। इसी तरह से पोस्ट ग्रेजुएट में तीन तरह के विकल्प होंगे। जिन्होंने तीन साल का डिग्री कोर्स किया है उनके लिए दो साल का मास्टर्स होगा। दूसरा- चार साल के डिग्री कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक साल का एमए होगा। तीसरा- पांच साल का इंटिग्रेडेट प्रोग्राम होगा जिसमें स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों एक साथ हो जाए।
7- सवाल: नई शिक्षा नीति में एमफिल और पीएचडी के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर- नई शिक्षा नीति में एमफिल को खत्म कर दिया गया है।अब पीएचडी के लिए चार साल की डिग्री शोध के साथ अनिवार्य होगी।
8- सवाल: 5+3+3+4 फॉर्मेंट क्या है?
उत्तर: नई शिक्षा नीति में 10+2 की जगह सरकार 5+3+3+4 का फॉर्मूला लाई है। इसमें 5 का अर्थ है कि तीन साल प्री-स्कूल के और उसके बाद के दो साल पहली और दूसरी कक्षा के। 3 का अर्थ है- तीसरी, चौथी और पांचवी कक्षा। इसके बाद के 3 का अर्थ है- छठी, सांतवीं और आठवीं कक्षा। आखिर वाले 4 का अर्थ है- नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा।
यानी बच्चे अब तीन साल की उम्र में फॉर्मल स्कूल में जाने लगेंगे। छह साल की उम्र में बच्चा पहले की तरह की पहली कक्षा में होगा। दरअसल, नई व्यवस्था में प्ले-स्कूल के शुरुआती साल भी स्कूली शिक्षा में जोड़े गए हैं।
9- सवाल: यूजीसी को खत्म कर रेगुलेटरी बॉडी क्या है?
उत्तर: नई शिक्षा नीति में यूजीसी, एनसीटीई और एआईसीटीई को खत्म करके एक रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाएगी। हालांकि, अभी यह नहीं बताया गया है कि इस नियामक बॉडी का स्वरूप कैसा होगा। कॉलेजों को स्वायत्ता (ग्रेडेड ओटोनॉमी) देकर 15 साल में विश्वविद्यालयों से संबद्धता की प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम होगा। यह संस्थान के लिए अनिवार्य नहीं होगा। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी यह परीक्षा कराएगी।
10 - नई शिक्षा नीति में और क्या महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं?
उत्तर- नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा में दस-दस बड़े सुधारों पर मुहर लगाई गई है। प्री-प्राइमरी शिक्षा के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार होगा। इसके तहत तीन से छह साल तक की आयु के बच्चे आएंगे। 2025 तक कक्षा तीन तक के छात्रों को मूलभूत साक्षरता तथा अंकज्ञान सुनिश्चित किया जाएगा। मिडिल कक्षाओं की पढ़ाई पूरी तरह बदल जाएगी। कक्षा छह से आठ के बीच विषयों की पढ़ाई होगी। फीस पर नियंत्रण के लिए तंत्र तैयार होगा।केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और प्राइवेट विश्वविद्यालय के लिए एक ही नियम होगा।
नई शिक्षा नीति में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है।हर जिले में कला, करियर और खेल-संबंधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए एक विशेष बोर्डिंग स्कूल के रूप में 'बाल भवन' स्थापित किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। विद्यार्थियों को स्कूल के सभी स्तरों और उच्च शिक्षा में संस्कृत को एक विकल्प के रूप में चुनने का अवसर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति में विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति मिलेगी।
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