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06 February 2020

क्या है कोरोना वायरस ,what is the coronavirus

क्या है कोरोना वायरस, जिससे घबराई है पूरी दुनिया

क्या है कोरोना वायरस ,what is the coronavirus
क्या है कोरोना वायरस ,what is the coronavirus



➬ कोरोना वायरस से चीन में मरने वालों की संख्या बढ़ते जा रही है और अब तक चीन में सुरुवाती फरवरी में  इसके करीब हजारो मामले सामने आ चुके हैं। सरकारी समाचार पत्र 'चाइना डेली’  news से पता चला है कि ये वायरस के कारण अभी तक कई लोगों की मौत हो चुकी है
➬ वायरस को लेकर भारत में भी सावधानियां रखी जा रही है। देश में चीन से जो भी यात्री वापस भारत आ रहे हैं उनके लिए सरकार ने हवाई अड्डे पर थर्मल स्क्रीनिंग जांच की व्यवस्था पहले से ही कर दी है  जिससे उनमें  वायरस का पता लगाया जा सकता है। खतरा इसलिए भी अधिक बढ़ रहा है, क्योंकि ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में भी जा सकता है।



क्या है कोरोना वायरस ,what is the coronavirus
what is the coronavirus


  चीन में सुरुवाती फरवरी में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 444 हो चुकी है। यह नया कोरोनावायरस दिसंबर महीने में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था, लेकिन अब यह चीन की सीमा को पार करके दूसरे देशों में भी पहुंच गया है। ताजा मामलों में यूएस में एक, थाईलैंड में दो और जापान में एक मामला सामने आया है। यूएस वाले मामले में स्वास्थ्य अधिकारियों ने जानकारी दी है कि यह शख्स चीन के वुहान से अमेरिका आया है।

➣ क्या है कोरोना वायरस
मरीजों से लिए गए इस वायरस के सैंपल की जांच प्रयोगशाला में की गई है। इसके बाद चीन के अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह एक कोरोना वायरस है। कोरोना वायरस कई किस्म के होते हैं लेकिन इनमें से छह को ही लोगों को संक्रमित करने के लिए जाना जाता था। मगर नए वायरस का पता लगने के बाद यह संख्या बढकर सात हो जाएगी।

➣ जेनेटिक कोड के विश्लेषण से वायरस के बारे में यह पता चलता है कि यह मानवों को संक्रमित करने की क्षमता रखने वाले अन्य कोरोना वायरस की तुलना में 'सार्स' के अधिक निकटवर्ती है। सार्स नाम के कोरोना वायरस को काफी खतरनाक माना जाता है। सार्स के कारण चीन में साल 2002 में 8,098 लोग संक्रमित हुए थे और उनमें से 774 लोगों की मौत हो गई थी।

विश्व में कोरोना से प्रभावित देश - चार्ट 
Last updated: April 14, 2020, 07:57 GMT तक 

➣ जहां तक न्यूज से पता चला है कि यह बीमारी चाइना से आई  है  दुनिया की अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए चाइना ने ये वाइरस फैलाया है जिससे चाइना अर्थव्यवस्था में  दुनिया में नंबर वन पर आ जाए  इस चार्ट में चाइना में फैली  बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या बहुत कम है  जैसा कि इस चार्ट में दिख रहा है चाइना में 80000 के लगभग लोग प्रभावित है 77000 ठीक हो गए हैं चाइना में सिर्फ   3000 लोग मारे गय हैं यह कैसे हुआ |
 ➣ बाकी पूरी दुनिया में अमेरिका  में 5,00,000 वाइरस से प्रभावित लोग है इसमें से 23000 की मौत हो चुकी है ऐसे ही अन्य देशों में भी  वायरस बीमारी के रूप में फैला है |
➣ चाइना में इस बीमारी से वहां के लोग ठीक कैसे  हो गए यहां पर यह बीमारी ज्यादा क्यों नहीं फैली इसे लेकर दुनिया में चर्चा चल रही है ,क्या वायरस सोची समझी साजिश के तहत लाया है इस बीमारी का इलाज चाइना के पास है आदि|


भारत में कोरोना का  प्रभाव  - चार्ट
LAST UPDATED
14 APR, 12:42 IST


इस वाइरस के कारन भारत  बंद किया गया था 22मार्च से 14अप्रेल तक  और इसको आगे  भी बढाया  गया  था  हा इससे भारत को नुकसान  तो हुआ  पर सही समय  पर लोक डाउन होने से यह बिमारी भारत में कम फैली | 


 सभी टोल नाके पर 15 जनवरी से वाहनों के लिए फास्टैग (fastag)अनिवार्य है

कोरोना वायरस के लक्षण


  •     सिरदर्द
  •     नाक बहना
  •     खांसी
  •     गले में ख़राश
  •     बुखार
  •     अस्वस्थता का अहसास होना
  •     छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना
  •     थकान महसूस करना
  •     निमोनिया, फेफड़ों में सूजन


कोरोनावायरस का टीका बनाने की कोशिश में एक हुए दुनिया के वैज्ञानिक

चीन में फेली महामारी, कोरोनावायरस प्रकोप से निपटने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक जल्द से जल्द इसका टीका विकसित करने के लिए जुटे हुए हैं। इसके लिए चलाए जा रहे कई लाख डॉलर के महत्त्वकांक्षी अभियान के तहत अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के वैज्ञानिक नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह नया वायरस पिछले साल चीन में सामने आने के बाद से बहुत तेजी से फैला है जिसने मुख्य भूभाग में 800 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 37,000 से अधिक को संक्रमित किया है।
ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे 6 महीने के भीतर अपना टीका तैयार कर लेंगे। 


ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अनुसंधानकर्ता ने कहा, ‘यह अत्यंत दबाव वाली स्थिति है और हमारे ऊपर बहुत जिम्मेदारी है।’ उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर ‘कुछ तसल्ली’ मिली है कि विश्व की कई टीमें इसी काम में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि इनमें से कोई एक सफल होगा और इस प्रकोप को रोक पाने में मदद मिलेगी।’ वायरस के प्रसार को देखते हुए 6 महीने की समय सीमा भी बहुत ज्यादा लग रही है। माना जा रहा है कि यह विषाणु जंगली जानवर बेचने वाले एक बाजार से फैलना शुरू हुआ है जो चीन में प्रतिदिन करीब 100 लोगों की जान ले रहा है।

कितना गंभीर है ये वायरस ?

कोरोना वायरस के कारण अमूमन संक्रमित लोगों में सर्दी-जुकाम के लक्षण नजर आते हैं लेकिन असर गंभीर हो तो मौत भी हो सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के प्रोफेसर मार्क वूलहाउस का कहना है कि जब हमने ये नया कोरोना वायरस देखा तो हमने जानने की कोशिश की कि इसका असर इतना खतरनाक है की यह साधारण सर्दी जुकाम जैसे लक्षण वाला नहीं है, यह तो जानलेवा हे जो चिंता की बात है।

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कहां से आया नया कोरोना वायरस?

यह बिल्कुल नई किस्म का वायरस है। ये एक जीवों की एक प्रजाति से दूसरे प्रजाति में जाते हैं और फिर इंसानों को संक्रमित कर लेते हैं। इस दौरान इनका बिल्कुल पता नहीं चलता।
नॉटिंगम यूनिवर्सिटी के एक वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर जोनाथन बॉल के मुताबिक यह बिल्कुल ही नई तरह का कोरोना वायरस है। बहुत हद तक संभव है कि पशुओं से ही इंसानों तक पहुंचा हो।
सार्स का वायरस बिल्ली जाति के एक जीव से इंसानों तक पहुंचा था। हालांकि चीन की ओर से अभी तक इस मूल स्रोत के बारे में कुछ भी पुष्ट तौर पर नहीं कहा गया है।




कैसे फैलता है ये वायरस ?

चीन के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं जिससे ये पुष्टि होती है कि यह वायरस एक शख्स से दूसरे को भी होता है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसा कहने के पीछे वजह ये है कि कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में भी संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हैं।

इस मौजूदा वायरस को लेकर यही सबसे बड़ा डर है कि इससे सबसे पहले फेफड़े ही प्रभावित हो रहे हैं। इस वायरस का संक्रमण होते ही संक्रमित शख्स को खांसी और नजले की शिकायत हो जाती है।
चीन के अधिकारी इस मामले पर क्या कर रहे हैं?

संक्रमित लोगों की एकल कक्ष में रखा गया है और उनकी जांच अकेले में की जा रही है ताकि इस बीमारी को और बढ़ने से रोका जा सके। जिन-जिन जगहों से यात्री गुजरेंगे उन-उन जगहों पर थर्मल स्कैनर्स लगाए गए हैं ताकि जैसे ही किसी के बुखार की पुष्टि हो उसकी जांच की जा सके।

इसके अलावा, स्वच्छता बनाए रखने और संक्रमण को कम करने के लिए वर्तमान में सी-फूड बाजार बंद है।  यह व्यवस्था केवल चीन में ही नहीं की गई है। चीन के अलावा एशिया के कई दूसरे देशों और अमरीका में भी इस तरह की व्यवस्था की गई है ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके।



विशेषज्ञ कितने परेशान हैं?

डॉक्टर गोल्डिंग का कहना है कि फिलहाल तो हमारे पास जो जानकारी है उसके लिहाज से सही-सही ये बता पाना की स्थिति कितनी चिंताजनक, मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जब तक हमें इसके स्रोत का एकदम सटीक पता नहीं चल जाता है, तब तक परेशानी बनी ही रहेगी।

प्रोफेसर बॉल का कहना है कि हमें हर उस वायरस को लेकर चिंतित होने की जरूरत है जो इंसानों को संक्रमित कर रहा हो, वो भी खासतौर पर पहली बार। क्योंकि उसका इलाज कैसे किया जाना है, रोकना है ये सबकुछ जानने में मुश्किल होती है।




कोरोना वायरस चीन से ही क्यों शुरू हुआ  ?

प्रोफेसर वूलहाउस का कहना है कि जनसंख्या के आंकड़ों और घनत्व के कारण यहां के लोग जानवरों के संपर्क में जल्दी आ जाते हैं। वो कहते हैं कि ये कोई हैरान करने वाली बात नहीं है कि आने वाले समय में कुछ ऐसा ही देखने को मिले चीन में ।


कोरोना वायरस को लेकर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी की गाइडलाइन, जरूर पढ़ें ये चेतावनी 


एंटीबॉयोटिक कारगर उपाय नहीं  >
कोरोनावायरस को लेकर एक अफवाह फैल रही है कि एंटिबॉयोटिक से इसका इलाज हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) का कहना है कि एंटिबॉयोटिक केवल वैक्टीरिया से फैलने वाले इंफेक्शन में काम करते हैं। यह किसी वायरस के खिलाफ काम नहीं करता है। ऐसे में कोरोना नाम के इस नए और खतरनाक वायरस से लड़ने में एंटिबॉयोटिक कोई काम नहीं करेंगे।

कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवा या टीका नहीं है >

कोरोना वायरस से बचाव या फिर इसका इलाज करने के लिए अब तक कोई खास दवा उपलब्ध नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इलाज के कुछ विशेष उपायों का अध्ययन किया जा रहा है और निदान के लिए इसका परीक्षण किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैज्ञानिक इस बारे में हो रही रिसर्च कर रहे संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। 

कोरोना वायरस से कोई भी संक्रमित हो सकता है >
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि सभी उम्र के लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। अस्थमा, हृदय रोग या मधुमेह जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमन होने का खतरा ज्यादा है। 

क्या चाइनीज फूड खाने से फैल सकता है कोरोना वायरस >
सोशल मीडिया में एक और अफवाह फैल रही है कि चाइनीज फूड से कोरोना वायरस फैल रहा है। ऐसे में लोगों को चाइनीज फूड और चाइनीज रेस्तरां में जाना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। ये बात पूरी तरह से गलत है। WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चाइनीज फूड को कोरोना वायरस फैलने का माध्यम नहीं माना है। इसलिए यह गलत है कि चाइनीज नूडल्स या अन्य चाइनीज फूड आइटम खाने से आप कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएंगे। 

क्या पालतू जानवरों से फैल सकता है कोरोना वायरस >
अब तक किसी रिसर्च में यह बात साबित नहीं हुई है कि कुत्ते, बिल्ली, खरगोश या अन्य पालतू जानवर इस खतरनाक कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है। अब तक इन पालतू जानवरों से लोगों में कोरोना फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है। इसके बावजूद डॉक्टर पेट्स को छूने के बाद अच्छी तरह से हैंडवॉश करने की  सलाह देते हैं ताकि किसी भी प्रकार का बैक्टीरिया न फैले। 

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